आइए जानते हैं पैरों में झुनझुनी की परेशानी होने पर कौन-कौन सी समस्याएं होने का रहता है खतरा

आइए जानते हैं पैरों में झुनझुनी की परेशानी होने पर कौन-कौन सी समस्याएं होने का रहता है खतरा

1. पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy)

पेरिफेरल न्यूरोपैथी तंत्रिका डैमेज है, जो आपके पैरों और टांगों को प्रभावित करती है। कुछ मामलों में यह स्थिति हाथों और बाजुओं में भी देखी जा सकती है। इस स्थिति में मरीजों के पैर ठंडे होने के साथ-साथ झुनझुनी की शिकायत भी हो सकती है।

2. रेनॉड डिजीज (Raynaud’s Disease)

रात में सोते समय होने वाली झुनझुनी की परेशानी रेनॉड डिजीज के कारण भी हो सकता है। यह आपकी उंगलियों, पैर की उंगलियों और शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड फ्लो को कम कर देती है। रेनॉड की बीमारी तब होती है, जब ठंड लगने या तनाव होने पर आपकी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती

आइए जानते हैं पैरों में झुनझुनी की परेशानी होने पर कौन-कौन सी समस्याएं होने का रहता है खतरा

3. रीढ़ की हड्डी का कंप्रेशन (Spinal Cord Compression)

कोई भी बीमारी या चोट जो रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालती है, वह रीढ़ की हड्डी के संपीड़न का कारण बन सकती है। यह आमतौर पर 40 की उम्र के बाद लोगों को प्रभावित करती है। इस स्थिति में पैरों में झुनझुनी भी हो सकती है।

4. टार्सल टनल सिंड्रोम ( Tarsal Tunnel Syndrome )

टार्सल टनल सिंड्रोम की वजह से भी मरीजों को पैरों में झुनझुनी की शिकायत हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो टखनों को प्रभावित करती है। टार्सल टनल सिंड्रोम में पैरों में झुनझुनी के साथ सुन्नता, कमज़ोरी और मांसपेशियों में नुकसान होने की भी संभावना होती है।