75वे गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तराखंड के यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया हैं। उन्हें ये सम्मान उनके साहित्य और शिक्षा की दुनिया में लगातार अच्छे और स्पष्ट काम करने के लिए मिला है। पौड़ी गढ़वाल के चौंद कोट पट्टी के मासो गांव निवासी यशवंत सिंह को ये पुरस्कार 88 की उम्र में दिया गया हैं। यशवंत को उनकी पुरातत्व और ऐतिहासिक लेखनी के लिए इस सम्मान से नवाजा गया है। बता दें की अभी भी वो ऐतिहासिक लेखनी की मार्ग में अग्रसर होकर काम कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को इस बात का ऐलान किया था की शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में ये सम्मान दिया गया। यशवंत की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृत एवं पुरातत्व में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है इसके अलावा डफील की उपाधि भी अपने नाम की है।
उनके नामी लेखनी की बात करें तो उसमें मध्य हिमालय का पुरातत्व जो की 1981 में आया था उत्तराखंड की सैन्य परंपरा 1994 में, संस्कृति के पद चिन्ह 1996 में, मध्य हिमालय ग्रंथ माला का प्रथम खंड प्राचीन, मध्यकालीन भारतीय नगर कोष, मध्य हिमालय खंड दूसरा और तीसरा उत्तराखंड का नया इतिहास गढ़वाल के प्रमुख अभिलेख शामिल है। साल 1995 में उत्तरप्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल ने भी सम्मानित किया था।
यशवंत सिंह कठोच की लेखनी
उन्होंने इतिहास और पुरातत्व के ऊपर कई शोधों और पुस्तकों की लेखनी की है और हाल फिलहाल में वे उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में इतिहास की विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहे हैं।