देवभूमि हिमाचल में वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के पास वन विभाग और राजस्व विभाग के बाद सबसे ज्यादा जमीन है। सिर्फ राजधानी शिमला में ही वक्फ बोर्ड के पास करीब 70 बीघा भूमि है, जिसमें शहर के प्रमुख क्षेत्रों जैसे संजौली, छोटा शिमला, लक्कड़ बाजार, बेम्लोई, ताराहाल, बालूगंज और लोअर बाजार शामिल हैं। इन इलाकों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां फैली हुई हैं।
सबसे ज्यादा भूमि 46 बीघा टूटीकंडी वार्ड के पांजड़ी क्षेत्र में है। इसके अलावा, लक्कड़ बाजार में 7.41 बीघा और ताराहाल में 6.13 बीघा भूमि पर वक्फ बोर्ड का मालिकाना हक है। हाल ही में संजौली मस्जिद से जुड़ा विवाद सामने आने के बाद, प्रशासन द्वारा कराए गए सत्यापन के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का खुलासा हुआ। शिमला के सात प्रमुख क्षेत्रों में वक्फ बोर्ड की लगभग 11 जगहों पर संपत्तियां पाई गई हैं।
इनमें बेम्लोई में 3.16 बीघा, छोटा शिमला, बालूगंज और लोअर बाजार में करीब 10 बीघा जमीन पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियां दर्ज हैं। संजौली में भी वक्फ बोर्ड की लगभग 17.98 बिस्वा भूमि है। हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के साथ-साथ सुन्नी वक्फ बोर्ड और पंजाब वक्फ बोर्ड की भी संपत्तियां यहां पंजीकृत हैं।
वक्फ संपत्तियों में मकान, मस्जिदें और दुकानें भी हैं, जिनका निर्माण कब्जाधारकों ने किया हुआ है। प्रशासन द्वारा इन संपत्तियों का सत्यापन करवाया जा चुका है और अब इसकी रिपोर्ट अदालत को भेजी जाएगी।