उत्तराखंड: जंगली जानवरों के हमलों में जान गई तो मिलेगा 6 लाख का मुआवजा

देहरादून. उत्तराखंड में बाघ और भालू के हमलों में प्रतिवर्ष दर्जनों लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में मानव-वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि के अंतर्गत मृतक के परिवार को 6 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। बीते कुछ महीनों में वन्यजीवों के हमलों में कई लोगों की जाने चली गई। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक के दौरान जंगली जानवरों से होने वाली क्षति में मुआवजा राशि बढ़ाने की अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए गए थे। 

बाघ फोटो (uttarakhand news)
प्रतीकात्मक फोटो

शुक्रवार को वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि के प्रमुख रमेश कुमार सुधांशु ने अधिसूचना जारी करते हुए वन्य जीव हमलों में जान गवाने वालों के परिवार को 15 दिनों के भीतर 6 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। गौरतलब है कि इससे पूर्व जंगली जानवरों के हमलों में मृतक आश्रितों को आपदा मोचन निधि से 4 लाख रुपए मुआवजा राशि दी जाती थी, जो अब बढ़ाकर 6 लाख रुपए की गई है।

मानव क्षति पर मुआवजा राशि

  • साधारण घायल 15,000-16,000 रुपए
  • गंभीर घायल 1,00,000 रुपए
  • आंशिक रूप से अपंग 1,00,000 रुपए
  • पूर्ण रूप से अपंग 3,00,000 रुपए
  • मृत्यु होने पर 6,00,000 रुपए

इन जानवरों के हमलों पर मिलेगा मुआवजा

उत्तराखंड में यदि बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू, लकडबग्घा, जंगली सुअर, मगरमच्छ, घड़ियाल, सांप, मधुमक्खी, ततैया, लंगूर और बंदर से मानवीय क्षति पहुंचने तथा बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू, लकडबग्घा, जंगली सुअर, मगरमच्छ, घड़ियाल, सांप से मवेशियों को हानि होने पर भी मुआवजा दिया जाएगा।

Deepak Panwar

Journalist by profession and the founder of Hindu Live. Has excelled Ba Journalism in Digital Media. A top grade writer with working experience of almost 6 years.
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