गढ़वाल व कुमाऊं को जोड़ने वाली बस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

245
गढ़वाल व कुमाऊं को जोड़ने वाली बस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

गढ़वाल को कुमाऊं से जोड़ने वाली GMOU की बस सेवा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार से अगली तारीख तक ज़बाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यह भी पढ़ें- समान नागरिक संहिता पर उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, कहा… 

बता दें कि कोटद्वार से रामनगर के बीच गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड की एक बस 1 दिन में दो बार चलती है। करीब 70 के दशक से इस बस सेवा का संचालन हो रहा है। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को करीब 100 किमी कम दूरी तय करनी पड़ती है। हाईकोर्ट ने 2018 में इस बस के ऊपर रोक लगा दी थी, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया था। ‌वही अब सुप्रीम कोर्ट ने ही पुनः बस सेवा पर रोक लगा दी है।

बस सेवा पर रोक लगाने के लिए अधिवक्ता की गौरव कुमार बंसल में याचिका दायर की थी। याचिका में यह तर्क दिया गया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व कोर एरिया में बाघों की सबसे बड़ी तादाद है और इसे बाघ आबादी का शीर्ष प्राथमिक क्षेत्र माना गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गढ़वाल से कुमाऊं जाने वाली बस सेवा पर रोक लगा दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में बस सेवा की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के कदम पर भी सवाल उठाया है।