भगवान राम की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज कौन है? जानिए
पांच सौ सालों के इंतजार के बाद आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंदिर में नव निर्मित रामचंद्र की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस मौके पर कई बड़े नेता और सेलीब्रिटी यहां पहुंचे थे। जय श्री राम के नारों के साथ ना केवल अयोध्या धाम बल्कि पूरा देश गूंज रहा था। लोगों ने आज सियावर रामचंद्र के अयोध्या आवागमन पर दिवाली भी मनाई है। आज इस ब्लाग में हम आपको भगवान राम की प्रतिमा बनाने वाले अरुण योगीराज के बारे में बताने वाले हैं। जिनकी मूर्ति भव्य अयोध्या मंदिर के लिए चुनी गई।
भगवान श्रीराम की बाल्य अवस्था की अद्भुत और अलौकिक मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज की उम्र 41 वर्ष है। जो कर्नाटक के मैसूर जिले के रहने वाले हैं। वे इससे पूर्व नेता सुभाषचंद्र बोस का 30 फुट ऊंचा स्टेच्यू बना चुके हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली गेट पर मौजूद उमर जवान ज्योति का भी स्टेच्यू बनाया था। भगवान राम की मूर्ति को अयोध्या में स्थापित करने के बाद उन्होंने गौरवान्वित महसूस किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि ‘मैं बेहद सौभाग्यशाली हूं , भगवान राम का आशीर्वाद हमेशा से मेरे माता पिता और पूरे परिवार पर रहा है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं सपनों की दुनिया में हूं’।
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अरुण योगीराज की शिक्षा
अरुण योगीराज मूल रुप से अग्रहारा, मैसूर के निवासी हैं जो कर्नाटक राज्य के मैसूरु शहर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों के परिवार से हैं। उनके पिता योगीराज और दादा बसवन्ना शिल्पी भी प्रसिद्ध मूर्तिकार थे। अरुण ने एमबीए (MBA) किया और 2008 से पूर्णकालिक मूर्तिकला शुरू करने से पहले एक निजी कंपनी में भी काम किया था।