नई दिल्ली. सरसों का तेल हर किचन में उपयोग किया जाता है। बिना तेल का खाना किसी को पसंद नहीं आता है लेकिन आसमान छू रहे सरसों के तेल की कीमतों में गिरावट आ गई है। सरसों की सरकारी खरीद में हुए इज़ाफ़े के बाद भाव कम हो गया है। तेल-तिलहन बाजारों में सरसों के साथ सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल की कीमतों में सुधार के साथ क्लोज हुई।
नवरात्रों में बढ़ेगी तेल की मांग
किसान एकबार फिर सरकारी खरीद बढ़ने की राह देख रहे हैं। चूंकि अब नवरात्रि और शादियों का सीज़न शुरू हो गए हैं जिससे बाजार में तेल की मांग बढ़ जाएगी। खबरों की मानें तो सरसों तिलहन - ₹5,435 से ₹5,475 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिकी थी इससे अब खाद्य तेल की कीमत में सुधार आ गया है।
इस बीच, पोर्ट पर सीपीओ की कीमतें 995 डॉलर (82,340 रुपए) से बढ़कर 1,000 डॉलर (82,754 रुपए) प्रति टन हो गई है जिससे खाने के तेल की कीमतों में गिरावट आ गई है।