उत्तराखंड: देहरादून के 28 गांव में अल्पसंख्यक हुए हिंदू, तेज़ी से बढ़ रही मुस्लिम आबादी
उत्तराखंड में डेमोग्राफिक बदलाव एक गंभीर समस्या का रुप ले रहा है। वोट बैंक के लिए जनप्रतिनिधि बाहरी लोगों को गांवों में बसा रहे हैं, जिसकी जांच में पुष्टि भी हुई है।
देहरादून। उत्तराखंड में डेमोग्राफिक बदलाव एक गंभीर समस्या का रुप ले रहा है। वोट बैंक के लिए जनप्रतिनिधि बाहरी लोगों को गांवों में बसा रहे हैं, जिसकी जांच में पुष्टि भी हुई है। जनसंख्या असंतुलन का यह खेल कांग्रेस शासनकाल में शुरू हुआ था जो आज भारतीय जनता पार्टी के शासन तक जारी है। राजधानी देहरादून के पश्चिमी क्षेत्र विकास नगर, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई में बाहरी मुस्लिमों के अवैध क़ब्ज़े और मुस्लिम संगठनों की गतिविधियां पुलिस एवं प्रशासन के लिए चुनौती बनती जा रही है।
जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में अवैध कब्जे का यह खेल डेमोग्राफिक बदलाव का सबसे बड़ा कारण है। मुख्यतः शिमला बायपास व आसन बैराज मार्ग के दोनों ओर सरकारी जमीन पर मुस्लिम आबादी का अवैध कब्जा प्रशासन पहले ही चिन्हित कर चुका है। देहरादून के 28 गांव जहां पहले कुछ ही मुस्लिम परिवार रहते थे से अब देखते ही देखते सैकड़ों हो गए।
मस्जिद-मदरसों के निर्माण में कानून का पालन नहीं
पश्चिमी क्षेत्र में 100 से अधिक मस्जिदें नई और 46 अवैध मदरसे बनाए गए हैं। इन्हें बनाने के लिए न तो सरकार से कोई अनुमति ली गई है और ना ही बनने से इन्हें रोका जा रहा है। जबकि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश है कि 2009 के बाद बिना जिलाधिकारी के कोई भी नया धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता है। हाईकोर्ट के अनुसार यदि किसी पुराने की मरम्मत भी करनी होगी तो उसके लिए प्रशासन से आदेश लेना आवश्यक है। लेकिन यहां बिना किसी अनुमति के बेरोक टोक मस्जिदों और मदरसों का निर्माण किया जा रहा है।
शहर के इन गांवों में आया डेमोग्राफिक चेंज
बीते कुछ सालों में पश्चिमी क्षेत्र में स्थित ढकरानी, ढालीपुर, कुंजा, कुँजा ग्रंट, कुल्हाल, धर्मावाला, तिमली, बैरागीवाला, जमनीपुर, केदारा वाला, बुलाकीवाला,मेहूवाला खालसा,जीवनगढ़,नवाब गढ़,जसोवाला, माजरी, आमवाला पौंधा, जाटों वाला, सभावाला, कल्याणपुर हसनपुर, शेरपुर,सिंहनीवाला, शीश मबाडा, खुशहालपुर, ढाकी, सहसपुर, लक्ष्मी पुर, रामपुर कलां, शंकर पुर में डेमोग्राफिक बदलाव देखने को मिला है।