धार्मिक स्थलों के लिए मशहूर भारत का उत्तराखंड राज्य पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है। धार्मिक स्थलों तथा प्राकृतिक सौंदर्य की वजह से प्रतिवर्ष देश दुनिया के लाखों पर्यटक उत्तराखंड में आते हैं। भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल उत्तराखंड में आपको खूबसूरत पहाड़, नदियां, मंदिर तथा झरने देखने को मिलेंगे। प्राकृतिक सौंदर्य को पसंद करने वाले लोगों के लिए उत्तराखंड किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
Know about uttarakhand
कई वर्षों के आंदोलन के पश्चात 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड भारत का 27 वां राज्य बना है। इस दौरान इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी 2007 में राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। प्रदेश की अस्थाई राजधानी देहरादून है। हिंदुओं के पवित्रतम चार धाम गंगोत्री यमुनोत्री बदरीनाथ और केदारनाथ इसी राज्य में स्थित है। इसके अलावा नैनीताल ऋषिकेश हरिद्वार मसूरी जैसे पर्यटन स्थल भी यहां स्थित है जहां पर्यटक अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।
Uttarahand के धार्मिक स्थलों में दर्शन करने पर मन को बहुत शांति मिलती है यहां का प्राकृतिक माहौल आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है। उत्तराखंड पर्यटन की दृष्टि से ऐसा राज्य है जहां हर उम्र के लोग घूमना पसंद करते हैं। यदि आप भी उत्तराखंड में घूमने की सबसे अच्छी जगह के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो अंत तक जरूर पढ़ें..
Best tourist places in Uttarakhand
खूबसूरत ऋषिकेश
चंद्रबाथा और गंगा नदी के संगम पर बसा अध्यात्मिक से ऋषिकेश योग नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां आपको कई प्राचीन और भव्य मंदिर देखने को मिल जाएंगे। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए यह स्थान बहुत पवित्र माना जाता है। इसके अलावा water rafting, mountain biking, फ्लाइंग फॉक्स और बंजी जंपिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का लुत्फ भी उठा सकते हैं।
पर्यटन स्थल नैनीताल
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की पहाड़ियों के बीच स्थित नैनीताल सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों का मन मोह लेती है। इस स्थान को जिलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। नैनी झील यहां की सबसे प्रमुख झील है और यह चारों और पहाड़ों से घिरी हुई है। अपने नैनीताल यात्रा के दौरान पर्यटक घूमने के लिए हल्द्वानी, नैनीताल, रामनगर, कालाढूंगी, भीमताल और भवाली जाना पसंद करते हैं।
पहाड़ों की रानी मसूरी
Queen of hills के नाम से मशहूर मसूरी पर्यटकों की पहली पसंद हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में हिमालय पर्वत श्रृंखला की तरह लाठियों के बीचो बीच स्थित मसूरी शहर समुद्र तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को देखते हुए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। उत्तराखंड की स्थाई राजधानी देहरादून से यह शहर मात्र 38 किलोमीटर दूर स्थित है।
केदारनाथ धाम
हिंदुओं की आस्था और भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित है। यहां स्थित बाबा केदार का मंदिर में दर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। रुद्रप्रयाग जनपद से केदारनाथ धाम 86 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां का प्राकृतिक वातावरण बहुत ही सुनहरा होता है जहां आपको बर्फ से ढकी चोटियों के साथ अंकित पर्वतमाला ही देखने को मिल जाएंगी। इसके अतिरिक्त यहां गौरीकुंड, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, उखीमठ और पंच केदार जैसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है।
बद्रीनाथ धाम
हिंदुओं की धार्मिक आस्था और प्रमुख चार धाम यात्राओं में बद्रीनाथ धाम बहुत प्रसिद्ध केंद्र है। हिंदू पौराणिक कथाओं में बद्रीनाथ का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। यहां पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है इसलिए इस स्थान को विष्णु धाम के नाम से भी जाना जाता है। नर और नारायण दो पर्वत मालाओं के बीच नीलकंठ पर्वत के शिखर पर स्थित बदरीनाथ धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
गंगोत्री धाम
धार्मिक आस्था का बेहद प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गंगोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भगीरथ की तपस्या के बाद देवी गंगा ने उनके पूर्वजों के पापों को धोने के लिए खुद को एक नदी के रूप में प्रवाहित किया लेकिन ऊंचाई से गिरते हुए जल के वेग को कम करने के लिए भगवान शिव ने उस चालू को अपनी जटाओं में समा लिया था जिसे भागीरथी नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त उत्तरकाशी में हरकीदून, गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क, डोडीताल का गणेश मंदिर, दयारा बुग्याल, विश्वनाथ मंदिर आदि प्रसिद्ध स्थल है।
यमुनोत्री धाम
उत्तराखंड के चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक यमुनोत्री धाम है। यमुना नदी का स्रोत और हिंदू धर्म में देवी जमुना की जहां पूजा की जाती है। यह 10,804 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यमुनोत्री के मुख्य आकर्षण देवी यमुना के लिए समर्पित मंदिर और जानकी चट्टी में पवित्र तापीय झरना है। मां यमुना का मंदिर विशेष आस्था का प्रतीक है। शास्त्रों में इस धाम को मां यमुना का निवास स्थान कहा जाता है।
फूलों की घाटी
चमोली जनपद में स्थित फूलों की घाटी को देखकर ऐसा लगता है मानो किसी ने फूल का गलीचा बिछा दिया हो। 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ ने इस घाट की खोज की थी। यूनेस्को द्वारा इस स्थान को विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया गया है। इस स्थान पर आपको 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी।
मुक्तेश्वर धाम
प्राकृतिक सुंदरता के लिए बेहद मशहूर मुक्तेश्वर नैनीताल जनपद में स्थित है। भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश को समर्पित यह धाम नैनीताल जनपद से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां स्थित शिव मंदिर लगभग 350 वर्ष पुराना बताया जाता है। भारत की सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी को आप यहां से देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग और कैंपिंग जैसी मनोरंजन गतिविधियों का लुत्फ उठा सकते हैं।
पर्यटन स्थल कौसानी
यदि आप प्राकृतिक सुंदरता के बीच सुकून का कुछ समय बिताना चाहते हैं तो कौसानी आपके लिए बेहतर है। शांत और हरे भरे वातावरण के लिए प्रसिद्ध कौसानी में हर वर्ष हजारों पर्यटक पहुंचते हैं यहां से आप हिमालय की ऊंची चोटियों को देखने का आनंद ले सकते हैं।
घूमने के लिए यहां गर्मियों का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय पर एक और यहां जहां चार धाम यात्रा होती है वहीं इस समय यहां का वातावरण काफी अनुकूलित होता है। गरिमा में यहां का वातावरण हरा-भरा और बेहद सुनहरा होता है और यदि आप बर्फबारी का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो फिर सर्दियों का मौसम आपके लिए बेहतर है।