बागेश्वर: डोली बनी मरीज़ का सहारा

उत्तराखंड में सड़कों के आभाव के चलते कई मिल दूर पैदल चलना पड़ता है। आफ़त तब बढ़ जाती है, जब कोई बीमार हो जाता है। चारपाई के सहारे मिलो पैदल चलने से मरीज़ की जान बीच में ही चले जाने का खतरा बना रहता है। आज भी कई गांवों तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। एक ऐसा ही गांव बागेश्वर जिले में स्थित है जिसका नाम घटगाड़ गांव है।

हरीश लाल की अचानक तबियत बिगड़ गई। हाथ-पैरों ने काम करना बन्द कर दिया। गांव में सड़क न होने के चलते हरीश लाल को डोली की मदद से सड़क पर लाया गया। जहां से उन्हें 108 की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

बागेश्वर विधानसभा के घटगाड़ गांव में 350 से ज़्यादा लोग रहते है। राज्य बनने के 24 साल बाद भी गांव का सड़क नहीं पहुंच पाई है। ग्रामीणों ने सड़क की मांग भी की लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। ग्रामीणों का कहना है कि पहले दुगनी आबादी थी लेकिन स्वास्थ और सड़क सुविधाओं के आभाव में लोगों ने भारी मात्रा में पलायन कर दिया है।

Editorial Team

This article was written by the Hindu Live editorial team.
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