उत्तराखंड में एक बार फिर से मानसून ने जोर पकड़ लिया है। प्रदेश के छह जिलों में आज गरज और चमक के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने लोगों से संवेदनशील इलाकों में न जाने की अपील की है। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वालों को सलाह दी गई है कि वे केवल बेहद जरूरी होने पर ही यात्रा करें।
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, अन्य जिलों में भी कहीं-कहीं गरज और चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। आने वाले दिनों में भी मौसम का ऐसा ही मिजाज बना रहने की उम्मीद है।
राजधानी देहरादून समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार शाम से शुरू हुई बारिश बुधवार सुबह तक जारी रही। देहरादून के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर मलबा गिरने से बंद हो गया है। खासतौर पर कमेडा, चडवापीपल और नंदप्रयाग में मलबा गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।
टिहरी में मंगलवार रात को भिलंगना क्षेत्र में भारी बारिश के चलते ग्राम पंचायत मेंडू सिंधवाल गांव के ऊपर भूस्खलन हो गया, जिससे आधा दर्जन घरों में मलबा घुस गया। गांव के लोग किसी तरह से जान बचाकर घरों से बाहर निकले। पूरी घाटी में बारिश के कारण जगह-जगह गांवों में भूस्खलन की खबरें आ रही हैं। समन गांव में भूस्खलन के चलते एक आवासीय मकान भी ध्वस्त हो गया है। गनीमत रही कि मकान मालिक राजेंद्र सेमवाल अपने परिवार के साथ दो दिन पहले ही शिव मंदिर में रुद्री पाठ के लिए पुजार गांव भिलंग चले गए थे, नहीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।