उत्तराखंड: कर्मचारियों की ग्रेच्युटी 20 से बढ़कर हुई 25 लाख

उत्तराखंड सरकार ने सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाते हुए वेतन समिति, उत्तराखण्ड (2016) के तहत 1 जनवरी 2016 से सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की पेंशन, ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन और राशिकरण की प्रक्रिया में संशोधन किया। इसके अनुसार, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की ग्रेच्युटी या मृत ग्रेच्युटी की अधिकतम धनराशि की सीमा 20 लाख रुपये तय की गई है। मुख्य सचिव आनन्द वर्धन ने शासनादेश जारी करते हुए ग्रेच्युटी धनराशि सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने की घोषणा की है।

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी ज्ञापन संख्या-28/03/2024-P&PW(B)Gratuity/9559 तथा 30 मई, 2024 के अनुसार, सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के अनुसार महंगाई भत्ते की दर के बढ़ने के आधार पर, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और मृत ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।

वेतन और भत्ते, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञापन संख्या-199033/xxvii(7)/E-22807/2022, दिनांक 14 मार्च, 2024 के अनुसार, राज्य के राजकीय कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के नियमित और पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों और यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों के लिए, जिन्हें सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य किया गया है, दिनांक 01 जनवरी, 2024 से महंगाई भत्ते की दर 50 प्रतिशत प्रतिमाह बढ़ाकर लागू किया गया है।

केंद्र के समान दी जाएगी सुविधाएं

दिनांक 27 दिसम्बर, 2016 के अनुसार, राज्य के सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों के लिए वेतन समिति, उत्तराखण्ड (2016) की सिफारिशों को स्वीकार किया गया है। इसके अनुसार, पेंशन, ग्रेच्युटी, पेंशन राशिकरण, पारिवारिक पेंशन, महंगाई राहत और अन्य सुविधाओं को सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

Editorial Team

This article was written by the Hindu Live editorial team.
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